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धन्य जीवन

गीत--*धन्य जीवन*

प्यार तुम्हारा पाकर प्रियतम,
धन्य हो गया जीवन मेरा।
तिमिराच्छन्न रहा जो अब तक,
फैला उसमें सतत उजेरा।।

तड़प रही थी तेरे बिन मैं,
बिना नीर के मछली जैसे।
बिना दिवाकर के तड़ाग में,
खिले कमिलिनी,बोलो,कैसे?
बहुत दिनों के बाद दिखा अब,
इन आँखों को सुखद सवेरा।।
     धन्य हो गया जीवन मेरा।।

जीवन के आगामी पल में,
बनी रहेंगी खुशियाँ सारी।
घर-आँगन अब महक उठेगा,
सजी रहेगी जीवन-क्यारी।
कूच करेंगे दुख-उलूक सब,
अब यह होगा कोयल-डेरा।।
       धन्य हो गया जीवन मेरा।।

साजन के सँग बातें होंगी,
मीठी-मीठी,प्यारी-प्यारी।
हँसी-खुशी से दिन बीतेंगे।
मधुरिम होंगी रजनी सारी।
विरह-व्यथा का कभी न होगा,
अब उर मेरा दुखित बसेरा।।
       धन्य हो गया जीवन मेरा।।

रति-अनंग सम प्रेम हमारा,
सदा रहा है,सदा रहेगा।
जन्म-जन्म का साथ रहा है,
यह ऐसा इतिहास कहेगा।
है अजेय जग प्रेम अकेला,
यही मिटाता कष्ट घनेरा।।
      प्यार तुम्हारा पाकर प्रियतम,
       धन्य हो गया जीवन मेरा।।
                 ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                      9919446372

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3 Comments

Abhinav ji

14-Mar-2023 08:14 AM

Very nice 👍

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Rajeev kumar jha

13-Mar-2023 11:22 PM

Nice 👍🏼

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Renu

13-Mar-2023 09:37 PM

👍👍🌺

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